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श्लेष अलंकार शब्दालंकार का एक महत्वपूर्ण प्रकार है। श्लेष अलंकार में एक ही शब्द के दो या अधिक अर्थ होते हैं, और यह शब्द अपने अलग-अलग अर्थों के माध्यम से कविता या वाक्य में गहराई और सौंदर्य प्रदान करता है। हिंदी साहित्य में अलंकारों का विशेष स्थान है, जो कविता और साहित्य की शोभा को बढ़ाते हैं। अलंकार वह अलंकरण या साज-सज्जा है जो शब्दों के माध्यम से साहित्यिक रचना को और अधिक आकर्षक और सुंदर बनाता है। इस श्लेष अलंकार और श्लेष अलंकार के 10 उदाहरण (Shlesh Alankar) ब्लॉग में, हम श्लेष अलंकार और श्लेष अलंकार के 10 उदाहरण को समझने का प्रयास करेंगे।
श्लेष अलंकार की परिभाषा
जहाँ एक ही शब्द के अनेक अर्थ निकलते हैं, वहाँ श्लेष अलंकार होता है। जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार होते हुए भी अपने भिन्न-भिन्न अर्थ प्रकट करता है, तो उसे श्लेष अलंकार कहते हैं।
श्लेष अलंकार का उदाहरण
हर खुशी की कीमत होती है।
इस वाक्य में “कीमत” का अर्थ मूल्य और भावनात्मक महत्व दोनों हो सकता है। जिससे श्लेष अलंकार उत्पन्न होता है।
श्लेष अलंकार के उदाहरण
1. रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे मोती मानस चून।।
यहाँ “घनीभूत” शब्द का प्रयोग दो अर्थों में किया गया है। पहला अर्थ है “इकट्ठी हुई” पीड़ा, और दूसरा अर्थ इसे मेघों के रूप में भी लिया जा सकता है, जो बारिश के लिए तैयार होते हैं। दुर्दिन” शब्द भी दो भिन्नार्थ देता है। एक तो “बुरे दिन” के संदर्भ में, और दूसरा “मेघाच्छन्न दिन” के संदर्भ में।
इस में “सुबरन” शब्द श्लेष अलंकार के तहत मानव स्वभाव के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती है, जो श्लेष अलंकार का उदाहरण है। कवि के अर्थ में – सुंदर वर्ण, व्यभिचारी के अर्थ में – सुंदरी और चोर के अर्थ में – सोना। वाक्य में सुकृति औ दुष्कृति के बीच एक तुलना करके, अच्छाई और बुराई की उपलब्धियों को समझाया गया है। यह पंक्ति यह दर्शाती है कि समाज में विभिन्न प्रकार के लोग हैं, जो धन और समृद्धि की तलाश में हैं, लेकिन उनके उद्देश्य और तरीके भिन्न हैं।
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निष्कर्ष
इन ब्लॉग के माध्यम से, श्लेष अलंकार और श्लेष अलंकार के 10 उदाहरण (Shlesh Alankar) का अध्ययन किया और उन्हें समझने का प्रयास किया। श्लेष अलंकार में एक ही शब्द के कई अर्थ होते हैं, और इसका उपयोग कविता, साहित्य और भाषा को अधिक गहराई, बहुआयामीता और सौंदर्य प्रदान करने के लिए किया जाता है। श्लेष अलंकार कविता या साहित्य को गहराई और समृद्धि देता है, जिससे पाठक या श्रोता को वाक्य या पंक्ति को अलग-अलग दृष्टिकोण से समझने का अवसर मिलता है।
FAQs
1. श्लेष अलंकार क्या है?
श्लेष अलंकार एक प्रकार का शब्दालंकार है जिसमें एक ही शब्द का प्रयोग एक ही स्थान पर विभिन्न अर्थों में किया जाता है। इस अलंकार में एक शब्द के कई अर्थ निकलते हैं।
जब किसी वाक्य में एक ही शब्द दो या अधिक अर्थों में प्रयुक्त होता है, और वह वाक्य को भिन्न-भिन्न संदर्भों में अर्थ प्रदान करता है, तो वहाँ श्लेष अलंकार होता है।
श्लेष अलंकार में एक ही शब्द का प्रयोग एक ही बार होते हुए भी अलग-अलग अर्थों में किया जाता है। श्लेष अलंकार का उद्देश्य एक शब्द से भिन्न-भिन्न अर्थ प्रकट करना होता है।
यमक अलंकार में एक ही शब्द का प्रयोग एक वाक्य या पंक्ति में दो बार होता है, लेकिन दोनों बार शब्द का अर्थ अलग अलग होता है। यहाँ एक ही शब्द का प्रयोग कई बार आता है।