Sangya in hindi
Sangya Kise Kahate Hain | संज्ञा किसे कहते हैं

संज्ञा किसे कहते हैं
Sangya Kise Kahate Hain

Sangya संज्ञा वाक्य के भावों, विचारों, वस्तुओं अथवा व्यक्तियों के नाम होते हैं। Sangya वाक्य के मुख्य भाग को प्रधानता देने वाला शब्द होता है जो व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव अथवा विचार के नाम के रूप में प्रयोग किया जाता है। इस संज्ञा किसे कहते हैं (Sangya Kise Kahate Hain) ब्लॉग में, हम संज्ञा की परिभाषा, संज्ञा के उदाहरण, संज्ञा के भेद, संज्ञा के प्रयोग, संज्ञा के नियम आदि को हिंदी में जानेंगे।

 

Sangya Ki Paribhasha – संज्ञा की परिभाषा

Sangya संज्ञा वह शब्द है जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव, गुण, क्रिया या अवस्था के नाम को बताता है। संज्ञा के द्वारा हम किसी भी प्राणी, पदार्थ, समय, संख्या, रंग, स्वाद, आकार आदि का बोध कर सकते हैं।

Sangya Ke Udaharan – संज्ञा के उदाहरण

मोहन, सीता, महात्मा गाँधी (व्यक्तिवाचक  संज्ञा – Proper noun)

पेड़, पुस्तक, मोबाइल (वास्तुवाचक संज्ञा – Names of specific objects)

दिल्ली, पेरिस, हिमालय (स्थानवाचक संज्ञा – Names of specific places)

प्रेम, क्रोध, सुख (भाववाचक  संज्ञा – Abstract noun)

सुन्दरता, बुद्धिमत्ता, मोटापा (गुणवाचक संज्ञा – Names of qualities or attributes)

खेलना, पढ़ना, सोना (क्रियावाचक संज्ञा – Names of actions or activities)

Sangya Ke Prakar/Sangya Ke bhed – संज्ञा के प्रकार / संज्ञा के भेद

Sangya संज्ञा को पांच प्रकारों में विभाजित किया जा सकता है:

1. व्यक्तिवाचक  संज्ञा (Vyakti Vachak Sangya – Proper Noun):

ये विशिष्ट व्यक्तियों, स्थानों या वस्तुओं के नाम हैं। वे हमेशा बड़े अक्षर से शुरू करते है।

उदाहरण :
 राम, दिल्ली, ताज महल।

2. जातिवाचक  संज्ञा – Jati vachak Sangya – Common Noun:

ये किसी वर्ग या व्यक्तियों, स्थानों या चीज़ों के समूह के नाम हैं। वे बड़े अक्षर से शुरू नहीं होते जब तक कि वे किसी वाक्य की शुरुआत में न हो।

उदाहरण :
 आदमी, गाँव, पुस्तक।

3. भाववाचक  संज्ञा – Bhav Vachak Sangya – Abstract Noun:

ये उन भावनाओं, अवस्थाओं या गुणों के नाम हैं जिन्हें देखा या छुआ नहीं जा सकता। वे आम तौर पर विशेषण या क्रिया से प्राप्त होते है।

उदाहरण :
 प्रेम, दुख, सुन्दरता।

4. समूहवाचक  संज्ञा – Samuh Vachak Sangya – Collective Noun:

ये व्यक्तियों या वस्तुओं के संग्रह या समूह के नाम हैं। वे रूप में एकवचन हैं लेकिन एक से अधिक संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करते है।

उदाहरण :
 सेना, दल, परिवार।

5. द्रव्यवाचक संज्ञा – Dravya Vachak Sangya – Material Noun:

ये उन पदार्थों या सामग्रियों के नाम हैं जिन्हें मापा या गिना जा सकता है। वे आम तौर पर बेशुमार संज्ञाएं होती है।

उदाहरण :
  पानी, दूध, लोहा।

Sangya Ke Niyam – संज्ञा के नियम

संज्ञा के प्रयोग में कुछ नियमों का पालन करना होता है:

संज्ञा का लिंग – Gender of Noun:

हिंदी में संज्ञाएं पुल्लिंग या स्त्रीलिंग हो सकती हैं। संज्ञा का लिंग उसके साथ विशेषण और क्रिया की सहमति को प्रभावित करता है। पुल्लिंग संज्ञा पुरुष के लिए प्रयोग होती है, स्त्रीलिंग संज्ञा स्त्री के लिए प्रयोग होती है और नपुंसकलिंग संज्ञा वस्तु के लिए प्रयोग होती है।

उदाहरण : रमेश सुन्दर है। 

संज्ञा का वचन – Number of Noun:

हिंदी में संज्ञा एकवचन या बहुवचन हो सकती हैं। संज्ञा की संख्या उसके साथ विशेषण और क्रिया की सहमति को प्रभावित करती है।

उदाहरण : लड़के खेलते हैं।

संज्ञा का कारक Case of Noun:

हिंदी में, संज्ञा के वाक्य में उनके कार्य के आधार पर अलग-अलग मामले हो सकते हैं। किसी संज्ञा का मामला उससे जुड़े पदों और सर्वनामों के रूप को प्रभावित करता है।

उदाहरण : सोहम ने किताब खरीदी। (कर्ता कारक – सोहम , क्रिया कारक – ने, कर्म कारक – किताब)

Sangya Ke Prayog – संज्ञा के प्रयोग

संज्ञा का प्रयोग हमें वाक्य बनाने में मदद करता है। संज्ञा के द्वारा हम वाक्य में निम्नलिखित भूमिकाओं को निर्धारित कर सकते हैं:

1. कर्ता – Subject:

वह व्यक्ति या वस्तु जो क्रिया करता है या होने की अवस्था में है। कर्ता (Subject) का अर्थ होता है वह शब्द या वाक्यांश जिससे किसी कार्य का करने वाला व्यक्ति या वस्तु का नाम बताया जाता है। कर्ता को वाक्य में क्रिया का कर्तव्य या करनेवाला बताने के लिए प्रयोग किया जाता है। 

उदाहरण : हरीश खेल रहा है।

यहां “हरीश” को कर्ता कहा जा सकता है क्योंकि उन्होंने क्रिया “खेल रहा है” को किया है।

2. कर्म – Object:

वह व्यक्ति या वस्तु जो क्रिया से प्रभावित हो या विषय से संबंधित हो। कर्म (Object) का अर्थ होता है वह शब्द या वाक्यांश जिससे किसी कार्य का प्राप्त करने वाली वस्तु या व्यक्ति का नाम बताया जाता है। वह वस्तु या व्यक्ति जिसे किसी कार्य के द्वारा प्राप्त किया जाता है, कर्म कहलाता है।

उदाहरण : सोनिया अपना घर सजा रही है।

इस वाक्य में “घर” को कर्म कहा जा सकता है क्योंकि सोनिया ने क्रिया “सजा रही है” के द्वारा उसे प्राप्त किया है।

3. क्रिया – Verb:

होने की वह क्रिया या अवस्था जो विषय या वस्तु द्वारा व्यक्त की जाती है। क्रिया (Verb) का अर्थ होता है वह शब्द या वाक्यांश जिससे किसी काम, गतिविधि, या स्थिति का बोध होता है। क्रिया वाक्य में किसी कार्य को करने, होने, या बदलने का संकेत करता है।

उदाहरण : महेश बहुत तेज दौड़ रहा है।

इस वाक्य में “तेज दौड़ रहा है” एक क्रिया है जो बताती है कि महेश तेज दौड़ रहा है।

4. विशेषण – Adjective:

वह शब्द जो संज्ञा को संशोधित या वर्णित करता है। विशेषण (Adjective) एक प्रकार का शब्द होता है जो किसी
संज्ञा (नाम) के गुण, दशा, स्थिति, या विशेषता को बताने के लिए प्रयोग किया
जाता है। यह विशेषण संज्ञा को अधिक समृद्ध, सटीक, और समर्थन करता है।

उदाहरण : आलसी लड़का।

यहां, “आलसी” एक विशेषण है जो लड़के की विशेषता (आलसी) को बताता है।

5. संबंध बोधक – Preposition:

वह शब्द जो वाक्य में संज्ञा और दूसरे शब्द के बीच संबंध दर्शाता है। ये शब्द वाक्य में शब्दों के अर्थ को स्पष्ट करते हैं, और वाक्य का संबंध बताने में मदद करते हैं।

उदाहरण : धनुष घर के अंदर है।

यहां, “के अंदर” एक संबंध बोधक शब्द है जो बताता है कि धनुष घर के भीतर है।

FAQs (Frequently Asked Question)

संज्ञा के बारे में अपनी समझ को परखने के लिए आप निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर देख सकते हैं:

Q1. संज्ञा किसे कहते है (Sangya Kise Kahate Hain)? 

A1. संज्ञा वह शब्द है जो किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव, गुण, क्रिया या अवस्था के नाम को बताता है।

Q2. संज्ञा (Sangya) के पांच प्रकार कौन-कौन से हैं? 

A2. संज्ञा के पांच प्रकार हैं: व्यक्तिवाचक  संज्ञा, जातिवाचक संज्ञा, भाववाचक संज्ञा, समुहवाचक संज्ञा, द्रव्यवाचक संज्ञा।

Q3. व्यक्तिवाचक  संज्ञा (Vyakti Vachak Sangya) की पहचान कैसे करें? 

A3. व्यक्तिवाचक  संज्ञा (Vyakti Vachak Sangya) वह होती है जो केवल एक ही व्यक्ति, वस्तु या स्थान का बोध कराती है। व्यक्तिवाचक  संज्ञा में हमेशा पहला अक्षर बड़ा होता है।

Q4. जातिवाचक संज्ञा (Jati Vachak Sangya) की पहचान कैसे करें? 

A4. जातिवाचक संज्ञा वह होती है जो किसी समूह, प्रकार का बोध कराती है।

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