Hindi Muhavare (हिंदी मुहावरे), विचारों और भावनाओं को संक्षिप्त और प्रभावी तरीके से व्यक्त करने में मदद करते हैं। “50 मुहावरे और उनके अर्थ व वाक्य प्रयोग” अभिव्यक्ति को संक्षिप्त और आकर्षक बनाते हैं। ये वाक्यांश या शब्द-समूह होते हैं, जिनका अर्थ उनके शब्दों के साधारण अर्थ से अलग होता है। मुहावरों के प्रयोग से हमारी बातों में गहराई और प्रभाव बढ़ता है। इस लेख में हम 50 प्रमुख हिंदी मुहावरों के अर्थ और उनके वाक्य प्रयोग समझेंगे।
50 मुहावरे और उनके अर्थ वाक्य प्रयोग
- अंगूठी का नग होना
अर्थ:
यह मुहावरा किसी व्यक्ति या वस्तु के अत्यधिक मूल्यवान, महत्वपूर्ण, और अद्वितीय होने को दर्शाता है। इसका प्रयोग उस स्थिति में किया जाता है, जब कोई किसी समूह या परिवार में सबसे खास और प्रिय हो।
वाक्य प्रयोग:
- अपनी कक्षा में मीरा इतनी होशियार है कि सभी शिक्षक उसे अंगूठी का नग मानते हैं।
- महेश अपने परिवार के लिए इतना खास है कि वह उनके लिए अंगूठी का नग है।
- घर का भेदी लंका ढाए
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति अपने ही समूह, परिवार, संगठन या देश को नुकसान पहुँचाने का कार्य करता है। इसका मतलब है कि अंदरूनी लोग, जिन पर विश्वास किया जाता है, यदि विश्वासघात करें, तो सबसे अधिक नुकसान होता है।
वाक्य प्रयोग:
- राजा के दरबार में मौजूद एक गुप्तचर ने दुश्मन को जानकारी देकर दरबार को संकट में डाल दिया, यह सच में घर का भेदी लंका ढाए का उदाहरण है।
- व्यापार में नुकसान हुआ क्योंकि किसी ने अंदर की बातें प्रतिस्पर्धी कंपनी को बताई, यह तो घर का भेदी लंका ढाए जैसी स्थिति हो गई।
- अंतर के पट खोलना
अर्थ:
यह मुहावरा विवेक से काम लेना प्रकट करने के लिए प्रयोग किया जाता है। “अंतर के पट खोलना” व्यक्ति अपने मन के दरवाज़े खोलकर अपनी वास्तविक भावनाओं या विचारों को किसी के साथ साझा करे।
वाक्य प्रयोग:
- जब सुमन ने अपने दोस्तों के सामने अंतर के पट खोले, तो सभी उसकी परेशानियों को समझ पाए।
- कवि ने अपनी कविता में अपने दर्द को व्यक्त करते हुए अंतर के पट खोल दिए।
- अक्ल का दुश्मन
अर्थ:
यह मुहावरा ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है जो बहुत मूर्ख हो या ऐसा काम करे जिससे उसकी समझदारी पर संदेह हो। इसका अर्थ होता है कि व्यक्ति अपनी ही बुद्धि का उपयोग न करके मूर्खतापूर्ण कार्य करता है।
वाक्य प्रयोग:
- बिना वजह लड़ाई शुरू करने वाला व्यक्ति अक्ल का दुश्मन ही कहा जाएगा।
- जो बिना सोचे-समझे ऐसी गलतियाँ करता है, वह सचमुच अक्ल का दुश्मन है।
- अक्ल पर पत्थर पड़ना
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति अपनी बुद्धि का सही उपयोग नहीं करता और मूर्खतापूर्ण या अनुचित निर्णय लेता है। इसका मतलब है कि व्यक्ति समझदार होते हुए भी ऐसा काम कर जाता है, जो अक्लमंदी से परे हो।
वाक्य प्रयोग:
- परीक्षा के दौरान नकल करने की कोशिश करना यह दिखाता है कि उसकी अक्ल पर पत्थर पड़ गए थे।
- गलत समय पर झगड़ा शुरू करना यह साबित करता है कि उसकी अक्ल पर पत्थर पड़ गए थे।
- अठखेलियाँ सूझना
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति खुश हो और उसे चंचलता और शरारत सूझ रही हो। इसका उपयोग आमतौर पर मज़ाक, हल्के-फुल्के खेल या चंचलता के संदर्भ में किया जाता है।
वाक्य प्रयोग:
- बारिश होते ही बच्चों को बाहर जाकर खेलने की अठखेलियाँ सूझने लगीं।
- जैसे ही छुट्टियों की बात हुई, पूरे परिवार को अलग-अलग जगह घूमने की अठखेलियाँ सूझने लगीं।
- अधजल गगरी छलकत जाए
अर्थ:
यह मुहावरा उन लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है जो कम ज्ञान या अधूरी जानकारी के बावजूद दिखावा करते हैं। इसका मतलब है कि जो लोग वास्तव में अधिक समझदार या योग्य नहीं होते, वे अपने आपको अधिक बुद्धिमान या सक्षम दिखाने की कोशिश करते हैं।
वाक्य प्रयोग:
- जिन लोगों को विषय का पूरा ज्ञान नहीं होता, वे अक्सर अधजल गगरी छलकत जाए की तरह व्यवहार करते हैं।
- जो लोग कम पढ़े-लिखे होते हैं, वे अक्सर अपनी बातों से अधजल गगरी छलकत जाए की पुष्टि करते हैं।
- आँख का अंधा गाँठ का पूरा
अर्थ:
यह मुहावरा उस व्यक्ति के लिए उपयोग किया जाता है, जो भले ही समझ या बुद्धि से कमजोर हो, लेकिन धन-दौलत से भरपूर हो।
वाक्य प्रयोग:
- मोहन को व्यापार की समझ नहीं है, लेकिन वह इतना अमीर है कि लोग उसे आँख का अंधा गाँठ का पूरा कहते हैं।
- रमेश हर बात में दूसरों पर निर्भर रहता है, लेकिन पैसों के मामले में वह आँख का अंधा गाँठ का पूरा है।
- आँख का तारा होना
अर्थ:
यह मुहावरा किसी व्यक्ति के लिए उपयोग किया जाता है जो अत्यधिक प्रिय और मूल्यवान हो। इसका तात्पर्य यह है कि किसी के बहुत करीब होना और उनका सबसे चहेता बनना।
वाक्य प्रयोग:
- रीना अपने दादा-दादी की आँख का तारा है।
- कक्षा में नेहा अपनी मेहनत और व्यवहार से शिक्षकों की आँख का तारा बन गई।
- आँख उठाकर भी नहीं देखा
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति पूरी तरह से उपेक्षा करता है या किसी की ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं देता। इसका अर्थ है कि किसी को अनदेखा करना या उसे कोई महत्व न देना।
वाक्य प्रयोग:
- जब राघव ने अपनी गलती मानी, तो शिक्षक ने गुस्से में उसे आँख उठाकर भी नहीं देखा।
- जो लोग कठिन समय में साथ नहीं देते, उनके पास मैंने मदद के लिए आँख उठाकर भी नहीं देखा।
- आपे में नहीं रहना
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति क्रोध, उत्तेजना, या उत्साह के कारण अपना संयम और नियंत्रण खो देता है। इसका तात्पर्य होता है कि व्यक्ति अपने स्वभाव या व्यवहार पर काबू नहीं रख पाता।
वाक्य प्रयोग:
- परीक्षा में कम अंक आने पर रोहित इतना गुस्सा हुआ कि वह आपे में नहीं रहा।
- सड़क पर हुई मामूली सी बहस के बाद वह व्यक्ति आपे में नहीं रहा और चिल्लाने लगा।
- समुद्र मंथन करना
अर्थ:
यह मुहावरा गहरे और कठिन प्रयासों को करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका तात्पर्य है कि किसी विषय, समस्या, या स्थिति को गहराई से समझने या उसका समाधान खोजने के लिए अथक परिश्रम करना। यह महान प्रयास और संघर्ष को दर्शाता है।
वाक्य प्रयोग:
- इस कठिन परियोजना को सफल बनाने के लिए हम ने सचमुच समुद्र मंथन किया।
- न्यायाधीश ने इस जटिल केस का फैसला करने के लिए सभी साक्ष्यों पर समुद्र मंथन किया।
- खेत रहना
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति किसी घटना या स्थिति में मारा जाता है या पूरी तरह नष्ट हो जाता है। इसका उपयोग आमतौर पर किसी के जीवन के अंत या किसी चीज़ के बर्बाद होने के संदर्भ में किया जाता है।
वाक्य प्रयोग:
- युद्ध के दौरान कई सैनिक दुश्मनों की गोली से खेत रहे।
- गलत संगत में पड़कर उसकी जिंदगी पूरी तरह से खेत रह गई।
- कीचड़ उछालना
अर्थ:
यह मुहावरा दूसरों की छवि खराब करने, अपमान करने, या उन पर झूठे और अनुचित आरोप लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका तात्पर्य है किसी की प्रतिष्ठा को जानबूझकर नुकसान पहुँचाने की कोशिश करना।
वाक्य प्रयोग:
- चुनाव के दौरान नेताओं ने एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने का सिलसिला शुरू कर दिया।
- अपने फायदे के लिए दूसरों पर कीचड़ उछालना एक गलत आदत है।
- कोई तीर घाट तो कोई बीर घाट
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब लोग किसी काम या उद्देश्य को पूरा करने के लिए अलग-अलग तरीके अपनाते हैं। इसका तात्पर्य है कि सभी लोग अपने-अपने रास्तों या विचारों पर चलते हैं और अपने ढंग से काम करते हैं।
वाक्य प्रयोग:
- जीवन में सफलता पाने के लिए लोग अपने-अपने तरीके अपनाते हैं, जैसे कोई तीर घाट तो कोई बीर घाट।
- नौकरी पाने के लिए कोई प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करता है, तो कोई कौशल पर काम करता है; यही है, कोई तीर घाट तो कोई बीर घाट।
- गोद में लड़का, शहर भर में ढिंढोरा
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति किसी वस्तु या समाधान को अपने पास होते हुए भी उसे कहीं और ढूंढने की कोशिश करता है। इसका तात्पर्य है कि जो चीज़ आपके पास पहले से मौजूद है, उसे न पहचानते हुए उसकी तलाश बाहर की जाती है।
वाक्य प्रयोग:
- समस्या का हल उसके सामने था, लेकिन वह दूसरों से पूछता रहा; यह तो वही बात हुई गोद में लड़का, शहर भर में ढिंढोरा।
- रमेश को अपने ही घर में जरूरी कागजात मिल सकते थे, लेकिन वह बाहर खोजने निकल गया, यह तो गोद में लड़का, शहर भर में ढिंढोरा जैसा है।
- घुटने टेकना
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति हार मान लेता है, समर्पण करता है, या किसी के सामने झुक जाता है। इसका तात्पर्य है कि कठिनाई या विरोध के सामने अपनी हार स्वीकार कर लेना।
वाक्य प्रयोग:
- कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद, रिया ने कभी भी समस्याओं के सामने घुटने नहीं टेके।
- मेहनत और लगन से काम करने वाला व्यक्ति कभी भी कठिन परिस्थितियों में घुटने नहीं टेकता।
- चैन की बंशी बजाना
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति पूरी तरह से निश्चिंत, सुखी और तनावमुक्त होकर समय बिता रहा हो। इसका तात्पर्य है कि बिना किसी चिंता के सुख और शांति का आनंद लेना।
वाक्य प्रयोग:
- परीक्षा खत्म होते ही सभी छात्र घर जाकर चैन की बंशी बजाने लगे।
- कर्ज चुकाने के बाद रमेश ने पहली बार चैन की बंशी बजाई।
- चाँद पर थूकना
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति किसी श्रेष्ठ, महान, या ऊँचे व्यक्तित्व वाले व्यक्ति या चीज़ की निंदा करने की कोशिश करता है, लेकिन यह प्रयास खुद उसके लिए हानिकारक या व्यर्थ साबित होता है। इसका तात्पर्य यह है कि महानता का अपमान करना खुद की बेइज्जती के समान है।
वाक्य प्रयोग:
- गुरुजी की आलोचना करना ऐसे ही है जैसे चाँद पर थूकना, क्योंकि उनकी महानता पर कोई असर नहीं पड़ता।
- बड़े कलाकार की प्रतिभा पर सवाल उठाना मानो चाँद पर थूकने के समान है।
- चोर के पैर नहीं होते
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब चोरी करने वाला व्यक्ति अपने कर्मों का ठिकाना नहीं रख पाता और पकड़े जाने के डर से हमेशा भागता रहता है। इसका तात्पर्य है कि चोर का मन कभी शांत नहीं रहता और वह स्थिर नहीं रह सकता।
वाक्य प्रयोग:
- अपराध करने के बाद वह व्यक्ति छुपता-फिरता रहा, यही तो सच है कि चोर के पैर नहीं होते।
- पुलिस का नाम सुनते ही चोर भाग गया, क्योंकि चोर के पैर नहीं होते।
- छाती पर मूँग दलना
अर्थ:
यह मुहावरा किसी को अत्यधिक कष्ट या पीड़ा पहुँचाने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका तात्पर्य है कि किसी को जानबूझकर सताना या उसकी स्थिति को और अधिक कठिन बना देना।
वाक्य प्रयोग:
- पहले ही वह कर्ज़ के बोझ तले दबा था, और अब इस नए जुर्माने ने उसकी छाती पर मूँग दलने का काम किया।
- पड़ोसी ने विवाद बढ़ाकर ऐसा व्यवहार किया, जैसे वह उसकी छाती पर मूँग दल रहा हो।
- तन पर नहीं लत्ता, पान खाये अलबत्ता
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति अपनी आवश्यक जरूरतों को पूरा किए बिना भी दिखावे या शौक पूरे करने में लगा रहता है। इसका तात्पर्य है कि जरूरतमंद व्यक्ति भी अनावश्यक शौक पूरा करने पर ध्यान देता है।
वाक्य प्रयोग:
- कर्ज में डूबा होने के बावजूद उसने महंगी गाड़ी खरीद ली, यह तो तन पर नहीं लत्ता, पान खाए अलबत्ता का सटीक उदाहरण है।
- उनके घर की छत टूट रही है, लेकिन शादी में लाखों खर्च कर दिए, यह तो तन पर नहीं लत्ता, पान खाए अलबत्ता जैसी बात है।
- हाथ सुमरनी बगल कतरनी
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति ऊपर से तो धार्मिक, ईमानदार या नेक बनने का दिखावा करता है, लेकिन भीतर ही भीतर गलत काम करता है। इसका तात्पर्य है कि जो दिखता है, वह सच्चाई से बिल्कुल विपरीत होता है।
वाक्य प्रयोग:
- वह हमेशा धार्मिक प्रवचन देता है, लेकिन दूसरों का पैसा हड़प लेता है; यह तो हाथ सुमरनी बगल कतरनी जैसी बात है।
- नेताओं के वादे सुनकर जनता को समझ जाना चाहिए कि यह हाथ सुमरनी बगल कतरनी का खेल है।
- तीर मारना
अर्थ:
यह मुहावरा किसी कार्य को सफलता पूर्वक पूरा करने या किसी कठिनाई को पार करने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका तात्पर्य है कि किसी विशेष कार्य में बड़ी उपलब्धि या सफलता हासिल करना।
वाक्य प्रयोग:
- आज शतक लगाकर विराट ने एक और तीर मार लिया।
- छोटे से गाँव से आकर उसने शहर में अपना व्यवसाय शुरू करके ऐसा तीर मारा कि सब देखते रह गए।
- तिल का ताड़ बनाना
अर्थ:
यह मुहावरा छोटी-सी बात को बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करने या आवश्यकता से अधिक बड़ा दिखाने के लिए उपयोग किया जाता है। इसका तात्पर्य है कि मामूली मुद्दे को बेवजह गंभीर या बड़ा बना देना।
वाक्य प्रयोग:
- मामूली बहस को लेकर पूरा झगड़ा खड़ा करना तिल का ताड़ बनाने जैसा है।
- उसने अपने छोटे से नुकसान को ऐसा दिखाया, मानो सबकुछ खत्म हो गया हो; यह तो तिल का ताड़ बनाना हुआ।
- बाँझ क्या जाने प्रसव की पीड़ा
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है, जब कोई व्यक्ति किसी ऐसी चीज़ के बारे में बोलता है या समझने की कोशिश करता है, जिसका उसे कोई अनुभव नहीं है। इसका तात्पर्य है कि बिना अनुभव के किसी की तकलीफ, कष्ट या भावना को समझना संभव नहीं है।
वाक्य प्रयोग:
- दूसरों की कठिनाई को वही समझ सकता है जिसने वह परिस्थिति देखी हो, बाँझ क्या जाने प्रसव की पीड़ा।
- मजदूरों की मेहनत का महत्व वही समझेगा जिसने खुद ऐसा काम किया हो, बाँझ क्या जाने प्रसव की पीड़ा।
- बालू से तेल निकालना
अर्थ:
यह मुहावरा अत्यंत कठिन या असंभव कार्य करने के प्रयास को दर्शाता है। इसका तात्पर्य है कि ऐसा काम करना जो व्यावहारिक रूप से मुमकिन नहीं हो या बहुत मुश्किल हो।
वाक्य प्रयोग:
- ऐसे इंसान को समझाना जो समझना ही न चाहे, यह तो बालू से तेल निकालने के समान है।
- पुराने यंत्र से आधुनिक उत्पादन करना मानो बालू से तेल निकालने जैसा काम है।
- बुझाने में ही जल जाना
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति अपनी किसी समस्या या संघर्ष को हल करने की कोशिश करता है, लेकिन अपनी कोशिशों के कारण और भी अधिक परेशानी में फंस जाता है। इसका तात्पर्य है कि किसी समस्या को सुलझाने की कोशिश करते हुए खुद और अधिक नुकसान हो जाना।
वाक्य प्रयोग:
- वह जिस रिश्ते को सुधारने की कोशिश कर रहा था, वह बुझाने में ही जल जाने जैसा साबित हुआ।
- नासमझी से उठाया गया कदम, अब बुझाने में ही जल जाने जैसा साबित हो रहा है।
- घाट-घाट का पानी पीना
अर्थ:
यह मुहावरा किसी व्यक्ति के कठिन संघर्ष, अनुभव, या किसी स्थान या स्थिति में लंबे समय तक मेहनत करने का संकेत देता है। इसका तात्पर्य है कि व्यक्ति ने जीवन में बहुत सी कठिनाइयाँ, चुनौतियाँ, और संघर्ष झेले हैं, और उसने हर तरह की परिस्थितियों का सामना किया है।
वाक्य प्रयोग:
- वह व्यक्ति जो घाट-घाट का पानी पी चुका है, अब किसी भी मुश्किल का सामना सहजता से कर लेता है।
- जीवन में घाट-घाट का पानी पीने के बाद उसे किसी भी काम में डर नहीं लगता।
- मखमली जूते मारना
अर्थ:
यह मुहावरा किसी व्यक्ति को बहुत ही मुलायम, मीठे या चापलूसी भरे तरीके से धोखा देना या प्रभावित करना दर्शाता है। इसका तात्पर्य है कि किसी को सुंदर शब्दों या हल्के तरीके से अपनी बातों में फंसाना या अपनी बात मानवाना, बिना सीधे संघर्ष के।
वाक्य प्रयोग:
- वह मखमली जूते मारकर अपने वरिष्ठ अधिकारियों से हर बार फायदा उठाता है।
- कुछ लोग मखमली जूते मारकर दूसरों के काम निकलवाते हैं, फिर अपनी बात मनवाते हैं।
- बुरा फ़ैसला करना
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति गलत या नुकसानदायक निर्णय लेता है, जिसके परिणामस्वरूप उसे पछताना पड़ता है। इसका तात्पर्य है कि व्यक्ति ने सोच-समझकर निर्णय नहीं लिया और उसका फ़ैसला गलत साबित हुआ।
वाक्य प्रयोग:
- अगर तुमने इस व्यापार में निवेश करने का बुरा फ़ैसला किया तो इसका परिणाम तुम्हारे लिए नुकसानदायक हो सकता है।
- बुरा फ़ैसला करने से पहले मुझे अपनी भावनाओं को शांत करके सोचना चाहिए था।
- बातें चिट्ठी की तरह
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति अपनी बातों को बहुत विस्तार से और सिलसिलेवार तरीके से प्रस्तुत करता है, जैसे कोई चिट्ठी लिखता है। इसका तात्पर्य है कि किसी बात को बहुत लंबा और विस्तार से कहना, बजाय संक्षिप्त रूप में कहने के।
वाक्य प्रयोग:
- वह हमेशा अपनी बातें चिट्ठी की तरह करता है, कभी खत्म ही नहीं होतीं।
- उसकी बातें चिट्ठी की तरह होती हैं, एक बार शुरू कर दो तो घंटों तक रुकने का नाम नहीं।
- बंदर क्या जाने अंगूर का स्वाद
अर्थ:
यह मुहावरा किसी व्यक्ति की ऐसी स्थिति को दर्शाता है जब वह किसी चीज़ या काम को समझने या अनुभव करने में असमर्थ होता है, लेकिन उस पर टिप्पणी करने या उसकी निंदा करने का प्रयास करता है। इसका तात्पर्य है कि बिना सही अनुभव के किसी चीज़ के बारे में राय देना बेकार है।
वाक्य प्रयोग:
- जो लोग लेखन के बारे में नहीं जानते, उनका अच्छे साहित्य पर टिपण्णी करना बंदर क्या जाने अंगूर का स्वाद जैसा ही होता है।
- तुम्हें संगीत का शौक नहीं है, तो संगीत प्रतियोगिता पर राय देना बंदर क्या जाने अंगूर का स्वाद जैसा है।
- हाथी निकल गया, चिट्ठी न मिली
अर्थ:
यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति कोई महत्वपूर्ण अवसर या मौका खो देता है, लेकिन उसे बाद में इसका एहसास होता है। इसका तात्पर्य है कि अवसर या फायदा जाने के बाद किसी को उसकी जानकारी मिलती है या उसे पछतावा होता है। यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति समय रहते कोई कार्य नहीं करता और बाद में उसे यह महसूस होता है कि वह अवसर हाथ से निकल चुका है।
वाक्य प्रयोग:
- तुम्हारे पास काम करने का अच्छा मौका था, लेकिन तुमने समय रहते नहीं किया, हाथी निकल गया, चिट्ठी न मिली।
- उसने जब तक निर्णय नहीं लिया, तब तक सारी योजना बदल चुकी थी, हाथी निकल गया, चिट्ठी न मिली।
- तालु में जीभ न लगना
अर्थ:
इसका तात्पर्य है कि किसी व्यक्ति की ज़बान लड़खड़ाना, हकलाना या सही तरीके से बोलने में कठिनाई का सामना करना। यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति घबराहट, शरम, या किसी और कारण से सही से बात नहीं कर पाता।
वाक्य प्रयोग:
- परीक्षा के दौरान उसे इतना घबराहट हुई कि वह तालु में जीभ न लगने की स्थिति में था।
- वह ऐसा आदमी है जो मंच पर बोलने में तालु में जीभ न लगने की स्थिति में आ जाता है।
- बहती गंगा में हाथ धोना
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति दूसरों के कठिन परिश्रम या किसी अच्छे मौके का फायदा उठाता है, बिना अपनी कोई मेहनत किए। इसका तात्पर्य है कि जब अवसर या लाभ किसी और के द्वारा पहले से उपलब्ध हो, तो उसे अपनाना या उसमें भाग लेना।
वाक्य प्रयोग:
- जब वह देखता है कि दूसरे लोग किसी लाभ में हैं, तो वह हमेशा बहती गंगा में हाथ धोने का प्रयास करता है।
- यह आदमी पहले कभी मेहनत नहीं करता, लेकिन जब कोई अवसर आता है, तो वह बहती गंगा में हाथ धोने के लिए तैयार रहता है।
- बहुशाखा का सहारा
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति कई स्रोतों, साधनों, या मार्गों से लाभ प्राप्त करता है, ताकि वह किसी कठिनाई या समस्या से बच सके। इसका तात्पर्य है कि एक से अधिक रास्ते या उपायों का सहारा लेना, ताकि सफलता या सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
वाक्य प्रयोग:
- व्यापार में सफल होने के लिए उसने हमेशा बहुशाखा का सहारा लिया, जिससे वह विभिन्न स्रोतों से आय प्राप्त कर सके।
- खेती में लाभ पाने के लिए उसे हमेशा बहुशाखा का सहारा लेना पड़ता है, जैसे विभिन्न फसलों का उत्पादन करना।
- बाग में बहार होना
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब किसी स्थान, परिस्थिति या स्थिति में खुशहाली, समृद्धि, सुंदरता या उमंग का माहौल हो। इसका तात्पर्य है कि किसी जगह पर सब कुछ अच्छे से चल रहा हो, और हर चीज़ खुशहाल या हर्षित हो। यह एक प्रकार से किसी सकारात्मक या शुभ समय का संकेत होता है।
वाक्य प्रयोग:
- आजकल हमारे घर में बाग में बहार होने जैसी स्थिति है, हर किसी के चेहरे पर मुस्कान है।
- गाँव में बाग में बहार होने जैसा आनंद था, क्योंकि फसलें अच्छी हो रही थीं और लोग खुश थे।
- गाँठ में बाँधना
अर्थ:
यह मुहावरा किसी महत्वपूर्ण बात या याद को दृढ़ता से मन में रखकर याद रखना, या किसी चीज़ को संजोकर रखना दर्शाता है। इसका तात्पर्य है कि कोई व्यक्ति किसी विशेष घटना, वचन, या याद को इतने अच्छे से संजो लेता है कि उसे वह कभी नहीं भूलता।
वाक्य प्रयोग:
- तुम इस सलाह को गाँठ में बाँध लो, क्योंकि यह तुम्हारे भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
- मेरे माता-पिता ने जो बातें मुझे समझाई हैं, मैंने उन्हें गाँठ में बाँध लिया है।
- भूखे बगुले
अर्थ:
यह मुहावरा उस व्यक्ति को दर्शाता है जो अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए दूसरों की कमजोरी का फायदा उठाता है। इसका तात्पर्य है कि एक ऐसा व्यक्ति जो किसी काम में लाभ प्राप्त करने के लिए बिना मेहनत किए दूसरों की हालत का फायदा उठाता है।
वाक्य प्रयोग:
- कुछ लोग हमेशा भूखे बगुले की तरह रहते हैं, जो दूसरों के नुकसान पर ही फायदा उठाते हैं।
- राजनीतिक दुनिया में कई लोग भूखे बगुले की तरह केवल अपनी व्यक्तिगत स्वार्थ की पूर्ति करते हैं।
- मोह माया
अर्थ:
यह मुहावरा सांसारिक वासनाओं, भौतिक सुखों, और धन-दौलत के प्रति अंधी ललक या आकर्षण को दर्शाता है। “मोह” का अर्थ होता है अत्यधिक लगाव, जबकि “माया” का अर्थ है संसार की आभासी या अस्थायी चीज़ें, जिनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं होता।
वाक्य प्रयोग:
- वह हमेशा मोह माया में फंसा रहता है और असली सुख की तलाश कभी नहीं करता।
- उसे अपने काम में इतना ध्यान था कि उसने मोह माया को एक तरफ रख दिया।
- कान भरना
अर्थ:
यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति दूसरे के बारे में नकारात्मक बातें, झूठी बातें या अफवाहें फैलाता है, ताकि दूसरे का मन खराब किया जा सके या किसी को भड़काया जा सके। इसका तात्पर्य है कि किसी व्यक्ति के कान में इस तरह की बातें डालना, जिससे वह किसी के खिलाफ नकारात्मक विचार बनाए।
वाक्य प्रयोग:
- उसने मेरे बारे में झूठी बातें कान में भर दीं, जिससे अब वह मुझसे नाराज है।
- वह हमेशा दूसरों के कान में भरता रहता है, ताकि लोग आपस में झगड़ें।
- राम नाम सत्य है
अर्थ:
यह मुहावरा भारतीय संस्कृति और धार्मिक संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कथन है, जो भगवान श्रीराम के नाम की महिमा को दर्शाता है। इसका तात्पर्य है कि भगवान का नाम सत्य है और जीवन में हर परिस्थिति में उस नाम का स्मरण करना शाश्वत सत्य है।
वाक्य प्रयोग:
- किसी के निधन के बाद परिजन और रिश्तेदार “राम नाम सत्य है” का जाप करते हैं।
- राम नाम सत्य है का उच्चारण हमें यह याद दिलाता है कि जीवन का सबसे बड़ा सत्य भगवान का नाम है।
- हाथ पीले करना
अर्थ:
यह मुहावरा विवाह से संबंधित है और इसका अर्थ होता है किसी लड़की की शादी करना, यानी उसका विवाह करना। जब किसी लड़की की शादी हो जाती है, तो उसे “हाथ पीले करना” कहा जाता है।
वाक्य प्रयोग:
- उसके माता-पिता अब उसकी शादी के लिए तैयार हैं और जल्दी ही उसके हाथ पीले करने की तैयारी हो रही है।
- बड़े उत्साह के साथ उन्होंने अपनी बहन के हाथ पीले करने की योजना बनाई।
- लोहा लेना
अर्थ:
यह मुहावरा किसी व्यक्ति से साहसिक या चुनौतीपूर्ण मुकाबला करना, या किसी के साथ कठिन प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेना दर्शाता है। इसका तात्पर्य है कि किसी से उसकी श्रेष्ठता या ताकत को चुनौती देना और उसे हराने की कोशिश करना।
वाक्य प्रयोग:
- उसने अपने से बड़े और ताकतवर शत्रु से लोहा लिया और उसे हराया।
- जब वह महाविद्यालय में था, तो उसने अपने सभी विरोधियों से लोहा लिया और हमेशा आगे रहा।
- सही नसीहत देना
अर्थ:
यह मुहावरा किसी व्यक्ति को उचित मार्गदर्शन, सलाह या शिक्षा देना दर्शाता है, जो उसके भले के लिए हो। इसका तात्पर्य है कि किसी को अच्छे और विवेकपूर्ण तरीके से जीवन या किसी स्थिति से संबंधित समझ देना, ताकि वह सही निर्णय ले सके या अपने भविष्य को सुधार सके।
वाक्य प्रयोग:
- उसने मुझे सही नसीहत दी कि जीवन में कभी भी हार मानकर नहीं बैठना चाहिए।
- जब मुझे नौकरी में कठिनाई आई, तो मेरे दोस्तों ने मुझे सही नसीहत दी और मेरा हौसला बढ़ाया।
- कान का कच्चा होना
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति बहुत जल्दी अफवाहों या बातों का प्रभाव लेता है और बिना सोचे-समझे किसी बात को मान लेता है। इसका तात्पर्य है कि व्यक्ति बहुत जल्दी और आसानी से किसी की बातों में आ जाता है और दूसरों की बातों का असर उस पर जल्दी हो जाता है। यह आमतौर पर किसी के भोलेपन, विश्वास की कमी, या जल्दी प्रभावित होने की स्थिति को व्यक्त करता है।
वाक्य प्रयोग:
- वह लड़का कान का कच्चा है, किसी ने कुछ कह दिया और वह तुरंत उस पर विश्वास कर बैठा।
- तुम्हें कान का कच्चा नहीं होना चाहिए, लोग सिर्फ अफवाहें फैलाते हैं।
- सांप चाह कर भी राजा नहीं बन सकता
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति अपनी वास्तविक स्थिति, क्षमता या स्वभाव को बदल नहीं सकता, चाहे वह कितना भी प्रयास करे। इसका तात्पर्य है कि व्यक्ति की जन्मजात विशेषताएँ या उसकी असली पहचान उसे किसी भी स्थिति या भूमिका में काबिल नहीं बना सकतीं, भले ही वह कितना भी चाहें। यह मुहावरा किसी के असमर्थता या सीमा को दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
वाक्य प्रयोग:
- वह चाहे कितनी भी मेहनत कर ले, सांप चाह कर भी राजा नहीं बन सकता।
- हम उसे बड़ा आदमी बनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन वह सांप चाह कर भी राजा नहीं बन सकता।
- नाक बच जाना
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब किसी व्यक्ति को किसी बड़ी मुश्किल या संकट से बचने में सफलता मिलती है, यानी वह अपने सम्मान या प्रतिष्ठा को बनाए रखने में कामयाब रहता है, भले ही वह किसी मुश्किल या विवाद में फंसा हो। इसका तात्पर्य है कि किसी व्यक्ति का सम्मान या स्थिति किसी कठिन परिस्थिति में सुरक्षित रहना।
वाक्य प्रयोग:
- बहुत मुश्किल से उसकी नाक बच गई, वरना वह पूरी तरह से शर्मिंदा हो जाता।
- इस बार वह मुश्किल में फंसा था, लेकिन सही नसीहत के चलते उसकी नाक बच गई।
- साहस का सामना
अर्थ:
यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति किसी कठिन या चुनौतीपूर्ण परिस्थिति का डटकर सामना करता है, बिना डर या घबराए। इसका तात्पर्य है कि किसी व्यक्ति को अपने भय या दुविधा को पार करते हुए साहसिक कदम उठाना और संकट का मुकाबला करना।
वाक्य प्रयोग:
- जब संकट आया, तब हमें साहस का सामना करना पड़ा और कठिनाई को पार किया।
- उसने बड़े आत्मविश्वास से साहस का सामना किया और अपने डर को पराजित किया।
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Muhavare In Hindi – 100+ मुहावरे और उनके अर्थ वाक्य प्रयोग
50 पर्यायवाची शब्द हिंदी में – 50 Paryayvachi Shabd
निष्कर्ष
मुहावरे (Hindi Muhavare) मुहावरों का अध्ययन और उनका सही प्रयोग भाषा की समझ को गहरा करता है। यह लेख में पढ़े गए 50 मुहावरे हिंदी भाषा की गहराई और उसकी जीवंतता को दर्शाते हैं। इनके सही प्रयोग से भाषा का सौंदर्य और प्रभाव दोनों बढ़ता है। इसलिए हमें मुहावरों का अध्ययन और उनके सही प्रयोग का अभ्यास करना चाहिए।