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Alankar in Hindi में अलंकार का अर्थ होता है – “आभूषण”। अलंकार हमारी साहित्यिक रचनाओं में एक महत्वपूर्ण और सुंदर तकनीक है, जो हमारी भाषा को और भी मनोहर और प्रभावशाली बनाती है। यह एक विशेष शैली है जिसका उपयोग विभिन्न शब्दों और वाक्यों की सुंदरता, रस, छंद, अर्थ और भावनाओं को प्रकट करने में किया जाता है। इस Alankar in Hindi ब्लॉग में, हम अलंकार के विभिन्न प्रकारों को जानेंगे और इसके महत्वपूर्ण विवरण को समझेंगे।
जिस प्रकार आभूषण मनुष्य की शोभा में वृद्धि करते हैं ठीक उसी प्रकार अलंकार काव्य के सौंदर्य को बढ़ाते हैं। इससे शब्दों को विशेषता दी जाती है और उन्हें सुंदर और सुसज्जित बनाने का प्रयास किया जाता है।
अलंकार की परिभाषा
काव्य में सौंदर्य उत्पन्न करने वाले शब्दों को हम अलंकार कहते हैं। जैसे शरीर को आभूषण से सजाने से उसकी शोभा बढ़ती है, ठीक उसी तरह अलंकार काव्य में शब्दों और अर्थ के साथ सौंदर्य का उत्पन्न करता है।
अलंकार के भेद
1. शब्दालंकार
शब्दालंकार की परिभाषा
यह अलंकार शब्दों के उपयोग पर आधारित होता है। जब काव्य में शब्दों के कारण सौंदर्य उत्पन्न होता है, तो वहाँ शब्दालंकार होता है। इसमें शब्दों के रूप, अर्थ और व्याकरण के माध्यम से सौंदर्य और प्रभावशालीता को प्रदर्शित किया जाता है। इसमें शब्दों का उच्चारण, विशेषता और विविधता का ध्यान रखा जाता है। इसमें यमक, अनुप्रास, यमक, श्लेष, वक्रोक्ति और संधि जैसे उप-प्रकार होते हैं।
उदाहरण
मुदित महीपति मंदिर आए।
सेवक सचिव सुमंत बुलाए।
इस में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग हुआ है। जैसे कि वाक्य में “मुदित महीपति मंदिर आए” में “म” ध्वनि वर्ण की आवृत्ति हो रही है जो वाक्य को सुंदर बनाती है। इसी तरह “सेवक सचिव सुमंत बुलाए” में भी “स” ध्वनि वर्ण की आवृत्ति हो रही है।
अर्थालंकार के भेद
- उपमा अलंकार
- रुपक अलंकार
- उत्प्रेक्षा अलंकार
- उपमिति अलंकार
- व्यंजक अलंकार
- विभावना अलंकार
- संदेह अलंकार
- प्रतीप अलंकार
2. अर्थालंकार
अर्थालंकार की परिभाषा
यह अलंकार शब्दों के अर्थ के उपयोग पर आधारित होता है। इसमें शब्दों के अर्थ और उनके पर्यायवाची और समानार्थी शब्दों का प्रयोग करके भाषा को सुसज्जित बनाया जाता है। यहाँ अर्थ के कारण विशेष सौंदर्य या चमत्कार उत्पन्न होता है। इसमें उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा जैसे उप-प्रकार होते हैं।
उदाहरण
पंछी पूरब की सखी है, दो अंग एक जात।
स्वांग स्वांग उड़ जाती, तिहारों उड़े आकाश॥
इस में “पंछी” शब्द के अर्थ को “सखी” शब्द से उभारा गया है, और इससे पंची की सखी के साथ संबंध बताया गया है। यह दो पक्षों के प्रेम को दर्शाता है, जहां पंची और सखी एक-दूसरे के साथ सजीव संबंध रखते हैं। इसके अलावा, “स्वांगी स्वांग उड़ जाती, तिहारों उड़े आकाश” वाक्य में भी अर्थालंकार का प्रयोग है, जिसमें “स्वांगी” की उड़न और “तिहारों” की उड़न के बीच एकता दर्शाई गई है। इसके माध्यम से दोनों पंक्तियों में विभिन्न प्रकार के प्रेम और उड़ान के रस का अनुभव कराया गया है।
शब्दालंकार के भेद
- यमक अलंकार
- अनुप्रास अलंकार
- श्लेष अलंकार
- अव्ययीभाव अलंकार
- पुनरुक्ति अलंकार
- वीप्सा अलंकार
- वक्रोक्ति अलंकार
- संधि अलंकार
3. उभयालंकार
उभयालंकार की परिभाषा
उभयालंकार एक ऐसा शब्दालंकार है जिसमें शब्द और उसके अर्थ दोनों में चमत्कारिक संबंध छिपा होता है। जहाँ अलंकार का चमत्कार उसके शब्द और अर्थ दोनों में पाया जाए तो वहाँ उभयालंकार होता है। इसलिए इसे ‘उभय’ (दोनों) और ‘अलंकार’ (शब्दालंकार) का संयोजन माना जाता है। इस शब्दालंकार के उपयोग से कवि शब्दों के और उनके अर्थ के माध्यम से विशेषता और प्रभाव जोड़ते हैं। उभयालंकार एक अलंकार है जो एक ही वाक्य में शब्द और उनके अर्थ की एकता का बोध कराता है। इसे दोनों भागों में विभाजित किया जा सकता है और दोनों भागों का अर्थ भिन्न होता है। श्लेष अलंकार उभयालंकार की श्रेणी में आता है। शब्द के आधार पर शब्द श्लेष तथा अर्थ के आधार पर अर्थ श्लेष।
उदाहरण
पियूँ बिन पानी, साध निर्मल जल, मन बिन भक्ति, नहीं परम गति देखल।
यहां “पानी” और “जल” शब्द एक दूसरे के लिए उपमानित हैं और “भक्ति” और “परम गति” भी एक दूसरे के लिए उपमानित हैं। इसका अर्थ है, जैसे पानी के बिना प्यास बुझती नहीं, वैसे ही भक्ति के बिना मनुष्य को आत्मा की उच्च गति नहीं मिलती। इस पंक्ति में भक्ति और परम गति की एकता का वर्णन किया गया है, जिससे भावना को सुंदरता से समझा जा सकता है।
निष्कर्ष
Alankar हमारे साहित्यिक सृजन में एक सुनहरी पंक्ति है, जो शब्दों को सौंदर्यपूर्ण और प्रभावशाली बनाती है। यह एक ऐसी तकनीक है जो रचनाओं को भावनाओं के साथ समृद्ध करती है और पाठकों को उनमें रस और चेतना का आनंद लेने में मदद करती है। हम आशा करते हैं कि इस Alankar in Hindi ब्लॉग ने आपको अलंकार के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में जानने में मदद की होगी और आप भी इस सुंदर तकनीक का उपयोग करके अपनी साहित्यिक रचनाओं को और भी उत्कृष्ट बना सकेंगे। धन्यवाद!
FAQs
प्रश्न 1. अलंकार क्या है अलंकार की परिभाषा?
अलंकार एक विशेष शैली है जिसका उपयोग विभिन्न शब्दों और वाक्यों की सुंदरता, रस, छंद, अर्थ और भावनाओं को प्रकट करने में किया जाता है.
प्रश्न 2. अलंकार कितने प्रकार के होते हैं?
अलंकार के दो प्रकार होते हैं: शब्दालंकार, अर्थालंकार.
प्रश्न 3. अलंकार को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?
इंग्लिश में अलंकार को figure of speech कहते हैं.