ek rupee coin ka manufacturing cost kitna hoga?
क्या आपने कभी गौर किया है कि आपकी जेब में पड़ा एक रुपये का सिक्का असल में एक रुपये से ज़्यादा कीमत का है? भारत सरकार आपके लिए हर एक रुपये का सिक्का बनाने पर ₹1.11 से लेकर ₹1.28 तक खर्च करती है । यह जानकारी भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा एक आरटीआई के जवाब में सामने आई थी।
😲 एक रुपये का सिक्का, लेकिन उससे ज़्यादा कीमत!
सवाल उठता है कि आखिर सरकार यह घाटा क्यों झेल रही है? इसके पीछे देश की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा राज छुपा है:
छोटे लेन-देन की रीढ़: सब्ज़ी मंडी से लेकर ऑटो-रिक्शा का किराया, बच्चों की टिफिन में रखे पांच रुपये तक। छोटे लेन-देन पूरी तरह चौपट हो जाएंगे अगर एक रुपये का सिक्का न हो। दुकानदार कीमतों को गोल-गोल करके बढ़ा देंगे, जिससे महंगाई को बढ़ावा मिलेगा।
लंबी उम्र का फायदा: एक रुपये का नोट बनाने की लागत भी लगभग ₹1 के आसपास ही आती है, लेकिन वह महज 1-2 साल में फट जाता है। वहीं, एक सिक्का 15 से 20 साल तक चल जाता है । लंबे समय में देखा जाए तो सिक्का ज़्यादा किफायती साबित होता है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था की जरूरत: शहरों में UPI और डिजिटल पेमेंट का ज़माना है, लेकिन देश के गाँवों और कस्बों में आज भी नकदी का बोलबाला है। वहाँ के रोज़मर्रा के लेन-देन के लिए एक रुपये का सिक्का अभी भी ज़रूरी है
⚙️ सिक्का बनाने में आता है ये खर्च
सिक्के की कुल लागत सिर्फ धातु पर ही नहीं आती। इसे बनाने की प्रक्रिया में कई चरण शामिल है
लागत का प्रकार | अनुमानित खर्च (₹ में) |
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कच्चा माल (स्टेनलेस स्टील) | 0.70 – 0.90 |
टकसाल का खर्च (बिजली, मजदूरी, मशीनें) | 0.30 – 0.45 |
पैकेजिंग और डिस्ट्रिब्यूशन | 0.10 – 0.20 |
कुल लागत | 1.10 – 1.55 |
इन सिक्कों का निर्माण भारत सरकार की चार टकसालों — मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और नोएडा में होता है, जिनका संचालन सिक्योरिटी प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SPMCIL) करती है
🤔 क्या भविष्य में बंद हो जाएगा एक रुपये का सिक्का?
डिजिटल लेन-देन बढ़ने के साथ यह सवाल स्वाभाविक है। हालाँकि, फिलहाल भारत सरकार का एक रुपये का सिक्का बंद करने का कोई प्लान नहीं है । हाँ, लागत कम करने के लिए भविष्य में इसके डिज़ाइन, साइज या धातु में बदलाव किए जा सकते हैं। प्लास्टिक के सिक्के जैसे विकल्पों पर भी शोध चल रहा है ।
💎 निष्कर्ष
अगली बार जब आपके हाथ में एक रुपये का सिक्का आए, तो याद रखिएगा… यह सिर्फ एक रुपया नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था की एक मजबूत नींव का पत्थर है। यह सिक्का साबित करता है कि कुछ चीज़ों की अहमियत उनकी कीमत से कहीं ज़्यादा होती है।
क्या आप जानते हैं? अलग-अलग टकसालों में बने सिक्कों पर एक छोटा-सा प्रतीक चिन्ह (मिंट मार्क) बना होता है। कोलकाता के सिक्कों पर कोई निशान नहीं होता, तो हैदराबाद के सिक्कों पर एक तारा (★) बना होता है और मुंबई के सिक्कों में डायमंड (♦) बना होता है।
अपने पास मौजूद सिक्कों को देखिए, पता लगाइए कि वह कहाँ का बना हुआ है!