Muhavare In Hindi
मुहावरे और उनके अर्थ वाक्य प्रयोग
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मुहावरे और लोकोक्तियाँ भाषा की रोचकता और सांस्कृतिक धरोहर को प्रकट करते हैं। ये व्यक्ति की विचारधारा, अनुभव और सामाजिक परिस्थितियों का प्रतिबिम्ब होते हैं। मुहावरों और लोकोक्तियों में छिपी महत्ता व गहराई उनके व्यापक उपयोग से निकलती है। ये हमारी भाषा को समृद्धि और विविधता प्रदान करते हैं जो संस्कृति और अभिव्यक्ति का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं। Muhavare In Hindi – मुहावरे और उनके अर्थ वाक्य प्रयोग ब्लॉग में, हम मुहावरे को उदाहरण को समझने का प्रयास करेंगे।
मुहावरे और लोकोक्तियों में छिपी गहराई, उनका व्यापक उपयोग तथा उनके माध्यम से सामाजिक संदेशों को संक्षेपित और प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करने की विशेषता है।
मुहावरे की परिभाषा
जब कोई वाक्यांश सामान्य अर्थ को छोड़कर किसी विशेष अर्थ में परिवर्तित हो जाता है, तो वह मुहावरा कहलाता है। उदाहरण के रूप में, ‘नौ दो ग्यारह होना’ मुहावरा गणितीय संक्रिया को न बताकर ‘भाग जाना’ अर्थ को घोषित करता है। वैसा ही ‘चार चाँद लगाना’ का अर्थ ‘प्रतिष्ठा बढ़ाना’ होता है।
मुहावरे पदबंध होते हैं और ये अभिधामूलक अर्थ प्रकट न करके लाक्षणिक अर्थ प्रकट करते हैं। भाषा में इनका बड़ी मात्रा में प्रयोग होता है ताकि अपने कथन को सटीक और सशक्त बनाया जा सके।
लोकोक्तियाँ
लोकोक्ति को ‘कहावत’ भी कहा जाता है। अर्थ को पूरी तरह स्पष्ट करने वाला वाक्य लोकोक्ति कहलाता है। लोक में चिरकाल से प्रचलित कथन को लोकोक्ति कहा जाता है। लोकोक्ति का संबंध किसी घटित घटना से होता है। लोकोक्तियों और मुहावरों के प्रयोग से भाषा प्रभावशाली बनती है।
कहावतों को लोग परंपरा से सुनते आते हैं। इनमें किसी कहानी का संक्षेप होता है और ये अनुभूति की राशि संचित करते हैं। रत्येक लोकोक्ति के पीछे कोई न कोई घटना व कहानी होती है। उनका प्रयोग उदाहरणों के माध्यम से किसी को सजग करने के लिए भी किया जाता है और इनसे कथन असरदार बन जाता है।
20 लोकोक्तियाँ और उनके अर्थ
अनुक्रम | लोकोक्तियाँ | अर्थ |
---|---|---|
1 | करे कोई भरे कोई | किसी अन्य की करनी का फल भोगना |
2 | काला अक्षर भैंस बराबर | निरक्षर होना |
3 | खरबूजे को देख खरबूजा रंग बदलता है | देखा-देखी परिवर्तन आना |
4 | खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे | असफलता से लज्जित व्यक्ति दूसरों पर क्रोध करना |
5 | कुम्हार अपना ही घड़ा सराहता है | अपनी वस्तु की सभी प्रशंसा करते हैं |
6 | कौआ चले हंस की चाल | किसी और का अनुसरण कर अपनापन खोना |
7 | घोड़ा घास से यारी करे तो खाए क्या | मजदूरी लेने में संकोच करना |
8 | चमड़ी जाय पर दमड़ी न जाय | कंजूस होना |
9 | चार दिन की चाँदनी फिर अंधेरी रात | अल्पकालीन सुख |
10 | चोर-चोर मौसेरे भाई | दुष्ट लोगों में मित्रता होना |
11 | जिसकी लाठी उसकी भैंस | शक्तिशाली का विजय |
12 | जिस थाली में खाना उसी में छेद करना | उपकार करने वाले व्यक्ति का बुरा सोचना |
13 | डूबते को तिनके का सहारा | संकट के समय में सहायता मिलना |
14 | टेढ़ी उँगली किए बिना घी नहीं निकलता | सीधेपन से काम नहीं चलता |
15 | झोंपड़ी में रहकर महलों के ख्वाब | सामर्थ्य से अधिक चाहना |
16 | तू डाल-डाल मैं पात-पात | एक से बढ़कर दूसरा चालाक होना |
17 | न सावन सूखौं न भादौं हरी | सदैव एकसी स्थिति |
18 | नेकी और पूछ-पूछ | प्रभाव खत्म होना |
19 | न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी | अच्छे कार्य के लिए किसी से पूछने की आवश्यकता नहीं |
20 | जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि | कवि की कल्पना की विस्तार सीमा नहीं |
मुहावरे और लोकोक्तियाँ दोनों ही भाषा में सौंदर्य और विचारों को संवारते हैं, और उनमें गंभीरता और व्यापक अनुभव की छवि प्रकट होती है। इन प्रयोग के बाद ही उनकी सार्थकता स्पष्ट होती है।
20 मुहावरे और उनके अर्थ वाक्य प्रयोग
अनुक्रम | मुहावरे | अर्थ |
---|---|---|
1 | धरती पर पाँव न पड़ना | अभिमानी होना |
2 | नहले पर दहला | करारा जवाब देना |
3 | पगड़ी उछालना | बेइज्जत करना |
4 | नाक रखना | इज्जत बचाना |
5 | पहाड़ टूट पड़ना | बड़ी विपत्ति आना |
6 | पेट पालना | जीवन यापन करना |
7 | बाएँ हाथ का खेल | आसान काम |
8 | बालू से तेल निकालना | असंभव कार्य करना |
9 | बेड़ा पार होना | कष्ट से मुक्त होना |
10 | रंग में भंग होना | खुशी के अवसर पर कोई विघ्न आना |
11 | रौंगटे खड़े होना | रोमांचित होना |
12 | लोहा मानना | बहादुरी स्वीकारना |
13 | लाल पीला होना | क्रोध करना |
14 | सिक्का जमाना | प्रभाव जमाना |
15 | हाथ खींचना | सहायता बंद करना |
16 | हाथ मलना | पश्चाताप करना |
17 | हवा से बातें करना | तेज गति से चलना |
18 | रोब मिट्टी में मिलना | प्रभाव खत्म होना |
19 | बीड़ा उठाना | कार्य का संकल्प लेना |
20 | हथियार डालना | हार मानना |
100 मुहावरे और उनके अर्थ वाक्य प्रयोग
अनुक्रम | मुहावरे | अर्थ |
---|---|---|
1 | अंगूठी का नग होना | बहुत कीमती होना |
2 | घर का भेदी लंका ढाए | आपसी फूट से भेद खुलना |
3 | अंतर के पट खोलना | विवेक से काम लेना |
4 | अक्ल का दुश्मन | बुद्धिहीन होना |
5 | अक्ल पर पत्थर पड़ना | बुद्धि भ्रष्ट होना |
6 | अठखेलियाँ सूझना | दिल्लगी करना |
7 | अधजल गगरी छलकत जाए | ओछा आदमी थोड़ा गुण या धन होने पर भी इतराने लगता है |
8 | आँख का अंधा गाँठ का पूरा | मूर्ख धनी |
9 | आँख का तारा होना | अत्यन्त प्रिय |
10 | आँख उठाकर भी नहीं देखा | ध्यान तक न देना |
11 | आपे में नहीं रहना | अपनी सुध खो देना |
12 | समुद्र मंथन करना | कठोर परिश्रम करना |
13 | खेत रहना | युद्ध में शहीद होना |
14 | कीचड़ उछालना | बदनाम करना |
15 | कोई तीर घाट तो कोई बीर घाट | ताल मेल न होना |
16 | गोद में लड़का शहर भर में ढिंढोरा | पास में वस्तु रहते हुए चारों ओर खोजना |
17 | घुटने टेकना | हार मान लेना |
18 | चैन की बंशी बजाना | मौज करना |
19 | चाँद पर थूकना | निर्दोष पर कलंक |
20 | चोर के पैर नहीं होते | दोषी व्यक्ति अपने आप फँसता है |
21 | छाती पर मूँग दलना | बहुत परेशान करना |
22 | तन पर नहीं लत्ता, पान खाये अलबत्ता | झूठा दिखावा करना |
23 | हाथ सुमरनी बगल कतरनी | ऊपर से निर्मल, भीतर से कलुषित |
24 | तीर मारना | बड़ा काम करना |
25 | तिल का ताड़ बनाना | छोटी-सी बात को बढ़ा देना |
26 | बाँझ क्या जाने प्रसव की पीड़ा | जिस पर बीतती है, वही जानता है |
27 | बालू से तेल निकालना | असंभव होना |
28 | बुझाने में ही जल जाना | काम में असफलता मिलना |
29 | घाट-घाट का पानी पीना | बहुत अनुभवी होना |
30 | मखमली जूते मारना | मीठी बातों से लज्जित करना |
31 | बुरा फ़ैसला करना | ग़लती से ग़लती हो जाना |
32 | बातें चिट्ठी की तरह | पुरानी बातें |
33 | बात करते हुए बोलते | जो नेता बनना चाहते हैं, वह जनता के बीच होना चाहिए |
34 | बुद्धिमान व्यक्ति का चित्रण | बुद्धि से भरपूर |
35 | तालु में जीभ न लगना | चुप न रहना |
36 | बहती गंगा में हाथ धोना | अवसर का लाभ उठाना |
37 | बहुशाखा का सहारा | अनेक प्रकार की भ्रांतियों का सहारा लेना |
38 | बाग में बहार होना | खुशी मनाना |
39 | गाँठ में बाँधना | अच्छेसे याद करना |
40 | भूखे बगुले | बुरी स्थिति में रहना |
41 | मोह माया | मायाजाल में फंस जाना |
42 | कान भरना | चुगली वरना |
43 | राम नाम सत्य है | सच है |
44 | हाथ पीले करना | विवाह करना |
45 | लोहा लेना | शत्रु से मुकाबला करना |
46 | सही नसीहत देना | युक्तियुक्त बात कहना |
47 | खिचड़ी पकाना | किसी षड्यंत्र की तैयारी करना |
48 | कान का कच्चा होना | सुनी-सुनायी बातों पर विश्वास करना |
49 | सांप चाह कर भी राजा नहीं बन सकता | सबको अपना स्थान मानना चाहिए |
50 | नाक बच जाना | इज्जत बच जाना |
51 | साहस का सामना | निपुणता का परिचय |
52 | दिन को दिन रात को रात न समझना | सुख आराम का कुछ भी ध्यान न रखना |
53 | साहसी न होना | डरपोक होना |
54 | साफ बात | खुली बात |
55 | आयी तो रोज़ी नहीं तो रोज़ा | कमाया तो खाये, नहीं तो भूखे |
56 | हाँडी का एक ही चावल देखा जाता है | किसी परिवार, जाति या देश के एक ही मनुष्य को देखने से ज्ञात हो जाता है कि शेष कैसे होंगे |
57 | हाथी निकल गया, चिट्ठी न मिली | एक बड़ी प्राप्ति की अपेक्षा में कुछ नहीं मिलना |
58 | एंड़ी चोटी का जोर लगाना | बहुत परिश्रम करना |
59 | हाथी के साथ साथ चार कद्दू भी जाएगा | एक साथ कई लाभ। |
60 | साहसी न होना | डरपोक होना |
61 | साफ बात | खुली बात |
62 | साहस का सामना | निपुणता का परिचय |
63 | गुरु कीजै जान, पानी पीजै छान | अच्छी तरह से सोच-समझकर कोई काम करना |
64 | सारी रात मिमियानी और एक ही बच्चा बियानी | प्रयास बहुत अधिक और लाभ कम |
65 | श्री गणेश करना | शुरू करना |
66 | लुटिया डूब जाना | पूर्णतः हार जाना |
67 | छक्के छुड़ाना | हारना |
68 | खरी मजूरी चोखा काम | नक़द पारिश्रमिक देने से ही काम अच्छा होता है |
69 | जौहर खुलना | भेद का पता लगना |
70 | ढपोर शंख | बेवकूफ |
71 | नौ-दो ग्यारह होना | रफू चक्कर होना |
72 | ऐसी-तैसी करना | दुर्दशा करना |
73 | तिलांजलि दे दी | पूर्णतः मुक्त होना |
74 | सिर आँखों पर बिठाना | हृदय से सेवा सत्कार करना |
75 | आकाश से बातें करना | बहुत ऊँचा होना |
76 | बाँसों उछलना | प्रसन्न होना |
77 | भाड़ झोंकना | व्यर्थ समय नष्ट करना |
78 | लंगोटी में फाग | दरिद्रता में आनंद मनाना |
79 | खून पानी होना | कोई असर न होना |
80 | माथा ठनकना | अनिष्ट की आशंका होना |
81 | ठीकरा फूटना | किसी के सर झूठा दोष लगाना |
82 | दाँतों तले उँगली दबाना | हैरान होना |
83 | अंधेरी नगरी | अन्याय की जगह |
84 | अँगूठा दिखाना | इंकार करना |
85 | ईमान बेचना | अपने कर्तव्य से हट जाना |
86 | माँगे भीख पूछे गाँव की जमा | अपनी असलियत भूलकर बात करना |
87 | अपनी ढपली अपना राग | सबका अपने-अपने मन के अनुसार चलना |
88 | हँसुए के ब्याह में खुरपी का गीत | असंगत बातें करना |
89 | जाके पाँव न फटे बिवाई सो क्या जाने पीर पराई | जिसके ऊपर बीतती है वही जानता है |
90 | चमार चमड़े का यार | स्वार्थी व्यक्ति |
91 | चुल्लू-चुल्लू साधेगा, दुआरे हाथी बाँधेगा | थोड़ा-थोड़ा इकट्ठा करके धनी होना |
92 | चूहे के चाम से नगाड़े नहीं मढ़े जाते | तुच्छ और अल्प वस्तु से बड़ा काम नहीं हो सकता |
93 | चूहे घर में डण्ड पेलते हैं | अत्यधिक दयनीय स्थिति |
94 | छूँछी हाँडी बाजे टन्-टन् | हलके व्यक्ति के खोखलेपन का खुलासा हो जाता है |
95 | डण्डा सबका पीर | सख़्ती करने से लोग नियन्त्रित होते हैं। |
96 | दलाल का दिवाला क्या, मस्जिद में ताला क्या | जिसके पास कुछ है ही नहीं, उसे हानि का क्या डर |
97 | दाग़ लगाये लँगोटिया यार | अपनों से ही व्यक्ति धोखा खाता है |
98 | धोबी रोवे धुलाई को, मियाँ रोवे कपड़े को | सभी अपने-अपने नुकसान की बात करते हैं |
99 | शर्म की बहू नित भूखी मरे | शर्म करने से कष्ट उठाना पड़ता है |
100 | हाथी के दांत खाने के और, दिखाने के और | कोई व्यक्ति दिखावे में ही अच्छा हो सकता है, असल में वह व्यक्ति अच्छा नहीं होता |
निष्कर्ष
इन ब्लॉग के माध्यम से, Muhavare In Hindi – मुहावरे और उनके अर्थ वाक्य प्रयोग को समझा।अत्यंत सार्थक और शानदार भाषाई उपकरण माने जाने वाले मुहावरे और लोकोक्तियाँ हमारे समाज, संस्कृति और भाषा के मूल आधार हैं। इनका उपयोग अद्भुत रूप से हमारी भाषा को समृद्धि और गहराई प्रदान करता है। ये हमारे संस्कृति की विविधता और गहराई को साकार करने में सहायक होते हैं और भाषा को संवारने, संबोधित करने और समझने में मदद करते हैं। मुहावरे और लोकोक्तियों की रिच विरासत हमें हमारी भाषा और संस्कृति के मूल मूल्यों को समझने में मदद करती है।
FAQs
ईद का चाँद होना मुहावरे का अर्थ (Eid Ka Chand Hona)?
बहुत दिनों बाद दिखाई देना
कमर कसना मुहावरे का अर्थ (Kamar Kasna)?
तैयार होना
अंगुठा दिखाना मुहावरे का अर्थ (Angutha Dikhana)?
इनकार करना, समय पर धोखा देना
पीठ दिखाना मुहावरे का अर्थ (Peeth Dikhana)?
भाग जाना
अपना उल्लू सीधा करना मुहावरे का अर्थ (Apna Ullu Sidha Karna)?
अपना स्वार्थ सिद्ध करना
पानी पानी होना मुहावरे का अर्थ (Pani Pani Hona)?
लज्जित होना